राष्ट्रीय पुस्तकालयाध्यक्ष दिवस (National Librarian’s Day)
- 12 अगस्त को भारत में 'राष्ट्रीय पुस्तकालयाध्यक्ष दिवस' (National Librarian’s Day) के रूप में मनाया जाता है, यह पुस्तकालय विज्ञान के राष्ट्रीय प्रोफेसर डॉ. एस. आर. रंगनाथन (1892-1972) की स्मृति में मनाया जाता है, जिन्होंने भारत में पुस्तकालय विकास का नेतृत्व किया। उनकी जीवनी निम्नलिखित है-
पूरा नाम: श्रीराममूर्ति रंगनाथन (Shiyali Ramamrita Ranganathan)
जन्म: 9 अगस्त 1892, शिवगंगई, तमिलनाडु, भारत
मृत्यु: 27 सितंबर 1972, बैंगलोर, कर्नाटक, भारत
पेशे: पुस्तकालय विज्ञानी (Librarian), शिक्षक, गणितज्ञ, लेखक
परिचय:
डॉ. एस. आर. रंगनाथन भारत के महान पुस्तकालय वैज्ञानिक माने जाते हैं। उन्हें "पुस्तकालय विज्ञान का जनक" (Father of Library Science in India) कहा जाता है। उन्होंने भारत में आधुनिक पुस्तकालय प्रणाली की नींव रखी और पुस्तकालय विज्ञान को एक विधिवत शैक्षणिक विषय के रूप में स्थापित किया।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:
रंगनाथन का जन्म तमिलनाडु के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय विद्यालयों में प्राप्त की और फिर मद्रास (अब चेन्नई) के प्रेसिडेंसी कॉलेज से गणित में स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। वे गणित के अध्यापक बने लेकिन बाद में उनका झुकाव पुस्तकालय विज्ञान की ओर हुआ।
पुस्तकालय विज्ञान में योगदान:
1924 में रंगनाथन को मद्रास विश्वविद्यालय का पुस्तकालयाध्यक्ष नियुक्त किया गया। इसके लिए उन्हें इंग्लैंड जाकर लाइब्रेरी साइंस की ट्रेनिंग लेनी पड़ी। वहां उन्होंने ब्रिटिश पुस्तकालय प्रणाली का अध्ययन किया और लौटकर भारत में कई नवाचार किए।
उनका सबसे प्रसिद्ध योगदान है:
1. पुस्तकालय विज्ञान के पाँच नियम (Five Laws of Library Science):
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पुस्तकों का उपयोग करें। (Books are for use.)
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हर पाठक के लिए पुस्तक। (Every reader his/her book.)
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हर पुस्तक के लिए पाठक। (Every book its reader.)
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समय और श्रम की बचत करें। (Save the time of the reader.)
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पुस्तकालय एक जीवित निकाय है। (The library is a growing organism.)
2. कॉलोन क्लासिफिकेशन (Colon Classification):
यह एक वैज्ञानिक विधि है जिससे पुस्तकें विषय के अनुसार वर्गीकृत की जाती हैं। यह एक जटिल लेकिन लचीली प्रणाली है जो समय के साथ पुस्तकालयों में बहुत उपयोगी साबित हुई।
अन्य योगदान:
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भारत में पुस्तकालय शिक्षा को बढ़ावा देना
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मद्रास विश्वविद्यालय में लाइब्रेरी साइंस की पढ़ाई शुरू कराना
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अनेक ग्रंथ और शोध-पत्र प्रकाशित करना (60+ पुस्तकें और 200 से अधिक लेख)
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इंडियन लाइब्रेरी एसोसिएशन की स्थापना में योगदान
सम्मान:
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1957 में उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
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अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी उनके योगदान को सराहा गया।
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भारत में 12 अगस्त को "राष्ट्रीय पुस्तकालय दिवस" (National Library Day) के रूप में मनाया जाता है, जो उनके जन्मदिवस (9 अगस्त) के निकट रखा गया है।
निधन:
डॉ. एस. आर. रंगनाथन का निधन 27 सितंबर 1972 को हुआ, लेकिन उनका कार्य आज भी पुस्तकालय विज्ञान की नींव है।
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